पटना, बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन अमौर के विधायक अख्तरूल ईमान ने सीमांचल के साथ हो रहे कथित भेदभाव का मुद्दा जोरदार तरीके से सदन में उठाया। उन्होंने SIR (Special Investigation Report) से जुड़े मामलों और निवास प्रमाण पत्र जारी करने पर लगे प्रतिबंध का हवाला देते हुए सरकार की नीतियों को पक्षपातपूर्ण करार दिया।
विधायक अख्तरूल ईमान ने कहा कि बिहार सरकार ने सीमांचल के चार ज़िलों में निवास प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है, जबकि राज्य के किसी अन्य जिले में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। उन्होंने इसे सीमांचल के लोगों के साथ खुला अन्याय और भेदभाव बताया।
विधायक ने कहा, “सीमांचल के मुसलमानों ने आज़ादी के बाद बंटवारे जैसे कठिन समय में भी भारत का साथ दिया, लेकिन आज उन्हें उनके ही देश में संदेह की निगाहों से देखा जा रहा है। भाजपा के कुछ नेता सीमांचल की मस्जिदों और मीनारों को शक की नज़रों से देख रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है और सामाजिक सौहार्द के खिलाफ़ है।”
उन्होंने सरकार से यह फैसला तुरंत वापस लेने की मांग की और कहा कि सीमांचल के हर नागरिक को संविधान के तहत बराबरी और सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह लड़ाई “न्याय और हक़” की है और तब तक जारी रहेगी जब तक सीमांचल को उसका अधिकार नहीं मिल जाता।
इस मुद्दे पर विपक्षी विधायकों ने भी समर्थन जताते हुए सरकार से स्पष्ट जवाब देने की मांग की।