बिहार ब्यूरो,
पोठिया प्रखंड के सभी पंचायतों में बाल विवाह पर रोक लगाने तथा विद्यालय से बाहर हो रहे बच्चों की संख्या को न्यूनतम करने के उद्देश्य से एक विशेष जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान के तहत चिन्हित विद्यालयों एवं पंचायतों में जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
यह कार्यक्रम चाइल्डलाइन एवं जन निर्माण केंद्र के द्वारा संचालित किए गया। अभियान के दौरान उपस्थित विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं समुदाय के लोगों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। इनमें मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना, श्रम विभाग की योजना जिसके तहत दो बेटियों के विवाह हेतु ₹50,000 का अनुदान, आगे की पढ़ाई के लिए कौशल विकास योजना, बेरोजगारी भत्ता इत्यादि शामिल हैं।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि इन योजनाओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बेटियां न्यूनतम 18 वर्ष की आयु तक शिक्षा एवं कौशल विकास से जुड़ी रहें और युवावस्था में रोजगारोन्मुखी गतिविधियों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनें। उसके पश्चात ही वे विवाह का निर्णय लें।
इसके अतिरिक्त, कम उम्र में विवाह करने से उत्पन्न होने वाली समस्याओं जैसे मातृ मृत्यु दर (MMR), शिशु मृत्यु दर (IMR), कुपोषण, एवं जन्म से होने वाली विकलांगता के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि समुदाय में बाल विवाह के दुष्परिणामों की समझ विकसित हो और समय पर उनकी रोकथाम सुनिश्चित की जा सके।
इस अवसर पर संबंधित पंचायत प्रतिनिधि, शिक्षक, महिला पर्यवेक्षिका, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, चाइल्डलाइन एवं जन निर्माण केंद्र की टीम तथा जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।