ज़की हमदम किशनगंज
किशनगंज: संभावित भीषण बाढ़ 2025 को लेकर जिला प्रशासन और सेना के बीच समाहरणालय स्थित कार्यालय वेश्म में एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला पदाधिकारी विशाल राज और कर्नल मनोज राठी (कमांडिंग ऑफिसर, बेंगडुबी मिलिट्री स्टेशन, सिलीगुड़ी) ने संयुक्त रूप से की।
सेना की ओर से 10 सदस्यीय दल बैठक में शामिल हुआ, जिसका उद्देश्य आपदा की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों हेतु रीयल टाइम समन्वय स्थापित करना था।
जिला पदाधिकारी ने पिछली बाढ़ की स्थिति और उससे निपटने की रणनीतियों का विस्तार से उल्लेख करते हुए कम्युनिटी किचन, चिकित्सा सुविधा, और सूचना प्रसारण जैसे उपायों को कारगर बताया। उन्होंने बताया कि मदरसा भवन से लाउडस्पीकर के माध्यम से समय पर सूचना देकर लोगों को सतर्क किया गया था।
जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी ने किशनगंज जिले की भौगोलिक और वर्षा संबंधी विशेषताओं की जानकारी देते हुए बताया कि यह बिहार का सबसे अधिक वर्षा प्राप्त करने वाला जिला है, जिससे यहां बाढ़ की संभावना अधिक बनी रहती है।
बैठक में निम्न बिंदुओं पर समीक्षा की गई:
- पॉलिथीन शीट्स: 9812 शीट्स उपलब्ध, 3500 अतिरिक्त शीट्स की मांग।
- नावें: 8 सरकारी नावें, 7 मोटर वोट (SDRF), 37 निजी नाव मालिकों से अनुबंध।
- राहत शिविर: 220 राहत शिविर एवं सामुदायिक रसोई केंद्र चिन्हित।
- बाढ़ आश्रय स्थल: सभी अंचलों में पहचान पूरी।
- स्वास्थ्य सेवाएं: 31 प्रकार की दवाएं, 8 PHC, 74 स्वास्थ्य शिविर, 11 मोबाइल मेडिकल टीम सक्रिय।
- तटबंध संरक्षण: 14 संवेदनशील स्थानों पर कटाव रोधी कार्य जारी।
- पशुधन: चारा, दवाएं और अस्थायी पशु शिविर की व्यवस्था।
- पथ क्षति: 62 बाढ़ग्रस्त पथों की मरम्मत, पुल-पुलियों की सफाई।
- SDRF: पंचायत स्तर पर मॉकड्रिल, प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम जारी।
- RRT टीम: नेपाल सीमा से लगे प्रखंडों में त्वरित प्रतिक्रिया टीम का गठन।
- सैन्य तैनाती: ठाकुरगंज में 19वीं बटालियन एवं दिघलबैंक में 12वीं बटालियन की तैनाती।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बाढ़ पूर्व तैयारियों की पुनः समीक्षा की जाएगी। साथ ही, जिला प्रशासन और सेना के बीच बेहतर समन्वय से आपदा की स्थिति में त्वरित एवं प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।