किशनगंज सदर थाना क्षेत्र के टेयूसा गांव में एक नाबालिक जोड़े का शादी तय किया गया था। गुप्त सूचना के आधार पर जन निर्माण केन्द्र किशनगंज के जिला परियोजना समन्वयक मोहम्मद मुजाहिद आलम ने अनुमंडल पदाधिकारी सह बाल विवाह निषेध पदाधिकारी को देते हुए जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक, बाल कल्याण समिति, प्रखंड विकास पदाधिकारी, एवं सदर थाना को इसकी सूचना दी।
उक्त मामले को अनुमंडल पदाधिकारी ने गंभीरता से लेकर एक टीम गठित की। जिसमें संबंधित पदाधिकारी को निर्देश देते हुए हो रही नाबालिक बच्चे की शादी को अभिलंब रोकने को कहा।
अंचलाधिकारी राहुल कुमार के नेतृत्व में बनी टीम दलबल के साथ बच्चे के घर पहुंची। संस्था के जिला परियोजना समन्वयक मोहम्मद मुजाहिद आलम ने परिजनों को बताया कि बाल विवाह एक कानून अपराध है। जिसमें विवाह में शामिल सभी लोगों को दो साल की जेल व एक लाख रुपए का जुर्माना का प्रावधान है। तो वही अंचलाधिकारी ने लोगो समझते हुए कहा कि किसी भी नाबालिक की शादी करवाना या करना या किसी तरह से सहायता प्रदान करना गैर जमानतीय कानूनी अपराध है।
नाबालिक कि विवाह से शिक्षा के अधिकार, बच्चे के विकास, मानसिक शक्ति और समाज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह बात समझाने के बाद परिजनो के लोग मान गए और विवाह को रोक दिया गया।
उक्त टीम ने परिजनों से एक शपथ पत्र भरवाया। जिसमें वह इकरार किया कि अपने बच्चे की विवाह 21 वर्ष पूरा होने के बाद ही करेंगे। उक्त टीम में अंचलाधिकारी राहुल कुमार, संस्था के सामूदायिक सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद जफर अंजुम, सबीह अनवर, पूजा कुमारी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि व ग्रामीण मौजूद थे।