यहां के ग्रमीणों द्वारा इस चचरी पुल को आने जाने के लिए बनाया गया इस ग्रामीणों का कार्य देखकर यहां के जनप्रतिनिधियों को इस्तीफा देना चाहिए था ठाकुरगंज के जनप्रतिनिधि सिर्फ पुल पुलिया का जनप्रतिनिधि है लेकिन यह भी काम ठीक से नहीं कर पा रहा है ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत दल्लेगांव में मैची नदी पर बने चचरी पुल का उद्घाटन किया गया, जो स्थानीय जनता के लिए एक अहम सुविधा साबित हुआ है।
इस पुल के निर्माण से ग्रामीणों को आवागमन में सहूलियत मिली है और उनके दैनिक जीवन में आसानी आई है। हालांकि, पुल के निर्माण को लेकर राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है।
दल्लेगांव पुल निर्माण संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद जहुर रज़वी ने कहा कि यह चचरी पुल का निर्माण इस उद्देश्य से किया गया कि नेताओं को चुनाव प्रचार के दौरान नदी में उतरकर न आना पड़े, जिससे उनके ख़ादी लिबास खराब न हों।” उन्होंने यह भी बताया कि पुल का निर्माण 2 लाख रुपये के बजट में मेराज आलम सैफुद्दीन और रसीद आलम के नेतृत्व में हुआ है।
चचरी पुल के उद्घाटन समारोह में शामिल स्थानीय जनता ने कुछ हद तक निराशा जताई, यह कहते हुए कि यदि पूर्व मंत्री श्री नौशाद आलम साहब के समय में बनकर तैयार हो गया था, रेलवे के कारण नदी का धार मुड़ जाने से एप्रोच नहीं बन सका, वर्तमान विधायक सऊद आलम साहब से इतना नहीं हो रहा है के एप्रोच का काम करवा दें 2 साल पहले पुल बनकर तैयार हो गया था
माननीय विधायक अगर एप्रोच का काम करवा देते तो लोगों को चचरी पुल पर चलने की जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि, इस चचरी पुल के निर्माण के बाद स्थानीय जनता ने यह शिकायत भी की कि दुराघाटी पुल तक पहुँचने के लिए एप्रोच रोड का निर्माण अब तक नहीं हुआ, जिससे पुल का सही उपयोग नहीं हो पा रहा है।
नेताओं पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने विकास कार्यों में अनदेखी की है और इसके कारण लोग चचरी पुल पर चलने को मजबूर हैं। चैयरमैन अनवर आलम, नूर जमाल साहब, मुकर्रम रज़ा, नदीम सरवर, शाह आलम, डॉ. रिजवान अहमद, मुजाहिद रज़ा जैसे कई स्थानीय नेता समाजसेवी भी मौजूद थे।