दल्लेगांव में अधूरा पुल बना परेशानी का सबब, डॉ. आसिफ सईद ने की शीघ्र निर्माण की मांग

ठाकुरगंज (किशनगंज), 20जून:

भारत-नेपाल सीमा से सटे किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत दल्लेगांव पंचायत में वर्षों से अधूरा पड़ा पुल अब भी सैकड़ों ग्रामीणों की मुश्किलों का कारण बना हुआ है। इस मुद्दे को लेकर वी केयर ठाकुरगंज के संस्थापक एवं सामाजिक कार्यकर्ता डा. आसिफ सईद ने पटना में ग्रामीण कार्य विभाग, बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह को पत्र सौंपा और पुल निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने की मांग की।

डा. सईद ने पत्र में उल्लेख किया कि मेची नदी के उस पार बसे दल्लेगांव, भवानीगंज, तेलीभिट्ठा आदि गांवों की बड़ी आबादी आज़ादी के 78 साल बाद भी मुख्य भूमि से सड़क के माध्यम से नहीं जुड़ सकी है। यहां के ग्रामीणों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बाजार या किसी भी सरकारी कार्य के लिए नदी पार करके ठाकुरगंज या जिला मुख्यालय आना पड़ता है।

बरसात के मौसम में मेची नदी का उग्र रूप जीवन के लिए जोखिम बन जाता है, जिससे ग्रामीण नाव के सहारे यात्रा करते हैं। जबकि गर्मियों में चचरी पुल ही एकमात्र विकल्प होता है। इन कठिनाइयों के विरोधस्वरूप, ग्रामीणों ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का बहिष्कार तक कर दिया था।

वर्ष 2019 में तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नौशाद आलम के प्रयास से इस पुल निर्माण का शिलान्यास हुआ और कार्य प्रारंभ हुआ, परंतु 2022 से निर्माण कार्य पूरी तरह ठप है। डॉ. सईद ने पत्र में बताया कि इसके पीछे विभागीय तकनीकी त्रुटियाँ और संवेदक (ठेकेदार) की लापरवाही मुख्य कारण हैं।

उन्होंने सरकार से मांग की कि इस मानवता और बुनियादी अधिकारों से जुड़े मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करते हुए अधूरे पुल का निर्माण कार्य पूरा कराया जाए ताकि सीमावर्ती गांवों की जनता भी देश की मुख्यधारा से जुड़ सके।

पटना स्थित ग्रामीण कार्य विभाग कार्यालय में एसीएस दीपक कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपते डॉ. आसिफ सईद।

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