46 लाख की अनियमितता के बाद भी सचिन लहरे को दोबारा जिम्मेदारी, गोडाडीह धान खरीदी केंद्र में नियुक्ति पर उठे सवाल

गोडाडीह, 7 जून 2024 | ब्यूरो – महेंद्र सिंह राय

सहकारिता विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। वर्ष 2023-24 में 46 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता के मामले में घिरे सचिन लहरे को दोबारा गोडाडीह धान खरीदी केंद्र में प्रभारी बनाए जाने से क्षेत्र में भारी आक्रोश फैल गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, धान खरीदी में गंभीर गड़बड़ियों के बावजूद विभागीय सीईओ गोदली वर्मा द्वारा उन्हें पुनः जिम्मेदारी देना पारदर्शिता और जवाबदेही के सभी मानकों पर सवालिया निशान खड़े करता है। इससे किसानों का विश्वास बुरी तरह डगमगाया है।

स्थानीय लोगों और किसानों ने जताया विरोध
किसानों और स्थानीय नागरिकों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। लोगों का सवाल है कि जब पूर्व में सचिन लहरे पर 46 लाख की अनियमितता साबित हो चुकी है, तो उन्हें दोबारा इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी क्यों सौंपी गई?

उन्होंने आशंका जताई कि यह मामला विभागीय संरक्षण और मिलीभगत का हो सकता है।

मुख्य सवाल उठे:

  • क्या अनियमितता की निष्पक्ष जांच हुई?
  • यदि नहीं, तो जांच को रोका क्यों गया?
  • सीईओ गोदली वर्मा ने कैसे और क्यों उन्हें फिर से नियुक्त किया?

किसानों की तीन प्रमुख मांगें:

  1. मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराई जाए।
  2. जांच पूरी होने तक सचिन लहरे को पद से हटाया जाए।
  3. सीईओ गोदली वर्मा की भूमिका की गंभीर जांच की जाए।

सुपरवाइजर कार्यालय का बयान:
सहकारिता विभाग के सुपरवाइजर कार्यालय ने बताया कि सीईओ गोदली वर्मा के प्रभाव में सचिन लहरे की नियुक्ति की गई है। जानकारी के अनुसार, सचिन लहरे पूर्व में विभाग के निरीक्षक और समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। अब वह लिपिक (क्लर्क) के पद पर कार्यरत हैं।

यह मामला केवल वित्तीय अनियमितता नहीं, बल्कि किसानों के हित और सरकारी भरोसे से भी जुड़ा है। यदि इस पर शीघ्र कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो क्षेत्र में विरोध और आंदोलन की आशंका जताई जा रही है।

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