गोपालगंज (बिहार): बिहार सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। गोपालगंज के मॉडल सदर अस्पताल में दो घंटे की बारिश ने सरकारी दावों की सच्चाई उजागर कर दी। अस्पताल परिसर से लेकर इमरजेंसी वार्ड तक घुटने भर पानी भर गया है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश के कारण अस्पताल का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह फेल हो गया है। मरीजों को स्ट्रेचर या व्हीलचेयर की बजाय टांगकर या गोद में उठाकर अंदर ले जाया जा रहा है। इमरजेंसी वार्ड के बाहर पानी इतना भर गया है कि स्ट्रेचर, व्हीलचेयर और अन्य जरूरी उपकरण डूब गए हैं।
सबसे गंभीर बात यह है कि गंदे पानी में मेडिकल कचरा और इस्तेमाल की गई सिरिंजें तैरती नजर आईं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजन भारी दहशत में हैं।
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे एक ओर जहां राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बताने का दावा कर रहे हैं, वहीं गोपालगंज की यह तस्वीर जमीनी सच्चाई को उजागर कर रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई नई बात नहीं है, हर बारिश में यही हाल होता है, लेकिन प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता।
चश्मदीदों का कहना:
हम मरीज को लेकर आए थे लेकिन इमरजेंसी में तक पहुंचना मुश्किल हो गया। पानी में ही स्ट्रेचर डूब गया। मजबूरी में मरीज को गोद में उठाकर ले जाना पड़ा।”
अब देखना यह है कि क्या स्वास्थ्य मंत्री और प्रशासन इस शर्मनाक स्थिति पर संज्ञान लेते हैं या फिर यह मॉडल अस्पताल यूं ही समस्याओं की मॉडल बना रहेगा।