किशनगंज। जिले में जारी तीन दिवसीय सांकेतिक हड़ताल के तीसरे दिन ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक, लेखापाल और सहायक कर्मियों ने एक निजी सभागार में बैठक कर सरकार से वेतनमान में वृद्धि, स्थायीत्व और सुरक्षा की गारंटी की मांग दोहराई।
कर्मियों का कहना है कि सरकार ने 1 जनवरी 2024 से ही कोर्ट में यह स्वीकार किया था कि ग्रामीण आवास सहायक को 28 हजार रुपये, लेखापाल को 40 हजार रुपये और पर्यवेक्षक को 46 हजार रुपये वेतन देने का निर्णय लिया गया है। बावजूद इसके, 18 महीने बीत जाने के बाद भी नए वेतनमान के अनुसार भुगतान नहीं किया गया है।
कर्मियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे। जिले के 20 प्रखंडों में कार्यरत 162 कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से विकास कार्य पूरी तरह ठप हो गया है। वहीं, पूरे राज्य में करीब 5,500 कर्मी इस हड़ताल में शामिल हैं।
इस हड़ताल का सीधा असर प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना सहित राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं पर पड़ा है। निर्माण कार्य रुकने से ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है। कर्मियों ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द उनकी मांगें नहीं मानीं तो इसका असर आगामी विधानसभा चुनावों में देखने को मिल सकता है।