ज़की हमदम किशनगंज बिहार
ताज़ा पत्रिका किशनगंज, सामाजिक कुप्रथाओं के खिलाफ एक सराहनीय कदम उठाते हुए किशनगंज जिले के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत सिंघिया कुलामुनी पंचायत में होने वाले एक नाबालिग बालिका का विवाह जिला प्रशासन, जन निर्माण केंद्र और चाइल्ड हेल्प लाइन किशनगंज की संयुक्त कार्रवाई से रोका गया। इस प्रयास से 16 वर्षीय किशोरी का जीवन समय रहते एक गलत दिशा में जाने से बच गया।
जन निर्माण केंद्र को स्थानीय सूत्रों से सूचना मिली थी कि गांव में एक नाबालिग का विवाह तय किया गया है। सूचना की पुष्टि होने पर संस्था के जिला परियोजना समन्वयक मोहम्मद मुजाहिद आलम के नेतृत्व में टीम सक्रिय हुई। उन्होंने सदर अंचल अधिकारी-सह-सहायक बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी राहुल कुमार और पुलिस प्रशासन के सहयोग से विवाह स्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायज़ा लिया।
मौके पर परिजनों को बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 की कानूनी धाराओं, साथ ही बाल विवाह से होने वाले मानसिक, शारीरिक और सामाजिक दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से समझाया गया। समझाने के बाद परिवार ने विवाह स्थगित करने का निर्णय लिया और लिखित रूप में प्रमाण भी दिया।
सदर अंचल अधिकारी राहुल कुमार ने कहा कि नाबालिग की शादी करवाना, कराना या इसमें किसी प्रकार की सहायता देना गैर-जमानती कानूनी अपराध है। इससे बच्चों के शिक्षा के अधिकार, विकास, मानसिक क्षमता और समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। परिजनों से एक शपथ पत्र भरवाया गया जिसमें उन्होंने वादा किया कि बच्ची का विवाह केवल 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद ही करेंगे।
इस मौके पर संस्था के सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद जफर अंजुम, सबीह अनवर, चाइल्ड हेल्प लाइन के सुपरवाइजर अब्दुल कय्यूम, अंजू कुमारी, स्थानीय पंचायत समिति सदस्य और पुलिस बल मौजूद रहे।