किशनगंज (बिहार): बिहार के किशनगंज जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) के बाद 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित हुई मतदाता सूची में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। नई सूची के अनुसार जिले में कुल 12,31,910 मतदाताओं में से 1,45,913 नाम हटा दिए गए हैं। इनमें 39,466 मृत घोषित किए गए हैं, जबकि 90,000 से अधिक मतदाता ट्रेस-लैस (पता नहीं चल सका) या स्थानांतरित पाए गए हैं। इसके बाद अब कुल 10,85,997 मतदाता सूची में शेष बचे हैं।
इस कटौती के चलते किशनगंज में मतदाता सूची से 11.8% नाम हटाए गए हैं, जो कि राज्य के औसत 8.3% से कहीं अधिक है। सबसे अधिक कटौती किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में देखी गई, जहां 49,340 नामों को हटाया गया है।
इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। विपक्ष ने इसे अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने की सुनियोजित साजिश करार दिया है, वहीं सत्तापक्ष इसे पारदर्शी प्रक्रिया बताते हुए उचित कदम ठहरा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में नामों का हटाया जाना आगामी चुनावों से पहले विवाद की जड़ बन सकता है। इस बीच 2 अगस्त से दावे और आपत्तियों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसमें नागरिक अपने नाम हटाए जाने पर निर्वाचन कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
मतदाता सूची में हुई इस भारी कटौती ने न सिर्फ किशनगंज बल्कि पूरे बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है।