किशनगंज के तात्पोआ पंचायत में एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़के की शादी को रोका गया है। सूचना मिलते ही जन निर्माण केंद्र और जिला प्रशासन की तत्परता से शादी रोकी गई। लड़की प्रेम संबंध में पड़कर अपने प्रेमी संग भागकर शादी करने की योजना बना रही थी। स्थानीय सूत्रों से मिली सूचना पर कार्रवाई कर प्रशासन ने बाल विवाह की संभावित घटना को टाल दिया।
जिला समन्वयक के नेतृत्व में हुई कार्रवाई
जन निर्माण केंद्र के जिला समन्वयक मोहम्मद मुजाहिद आलम के नेतृत्व में गठित टीम में अनुमंडल पदाधिकारी, अंचल अधिकारी मोहित राज और पुलिस प्रशासन के अधिकारी शामिल थे। टीम ने तत्पोआ गांव पहुंचकर मामले की जानकारी ली और परिवार से बातचीत की।
परिवार को दी गई कानूनी जानकारी
अधिकारियों ने नाबालिग के परिजनों को बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के प्रावधानों की जानकारी दी। साथ ही बताया गया कि नाबालिग की शादी कराना गैर-जमानती अपराध है, जिससे मानसिक, शारीरिक और सामाजिक नुकसान होता है।
शादी रोकने का निर्णय, लिखित में वादा
सामाजिक और कानूनी पहलुओं को समझने के बाद लड़की के परिवार ने शादी रोकने का निर्णय लिया। परिजनों ने लिखित प्रमाण और शपथ पत्र देकर आश्वासन दिया कि अपने बच्चे की शादी 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद ही की जाएगी।
सामाजिक कार्यकर्ता और पंचायत प्रतिनिधि रहे मौजूद
इस कार्रवाई में जन निर्माण केंद्र के सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद जहांगीर आलम सहित पुलिस अधिकारी शामिल रहे। इसके अलावा स्थानीय मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य और ग्रामीण भी मौके पर उपस्थित थे।
प्रशासन और समाजसेवियों की यह संयुक्त कार्रवाई बाल विवाह के खिलाफ एक सशक्त संदेश है, जिसमें कानून के साथ-साथ समाज की भागीदारी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।