पटना/किशनगंज:
राजद नेता मुश्ताक आलम ने एक न्यूज़ डिबेट के दौरान भारत निर्वाचन आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि SIR (विशेष पुनरीक्षण) प्रक्रिया के दौरान अनियमितताएं हो रही हैं, जिससे खासकर गरीब, प्रवासी मजदूर और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा रहा है।
मुश्ताक आलम ने कहा,
अगर वोटर लिस्ट से नाम काटे गए हैं, तो इसकी जवाबदेही सीधे चुनाव आयोग की है। ये कोई गलती नहीं, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति है जो लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करती है।
उन्होंने दावा किया कि लोकतंत्र में सबकी भागीदारी ज़रूरी है, सिर्फ चुने हुए लोगों की नहीं।
राजद नेता ने यह भी आरोप लगाया कि एक ही व्यक्ति के दो वोटर ID कैसे हो सकते हैं? उन्होंने कहा कि समाज से उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि जीवित व्यक्तियों को मृत घोषित कर दिया गया है और मृत व्यक्तियों का नाम अब भी वोटर लिस्ट में मौजूद है।
आलम ने निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा:
अगर निर्वाचन आयोग के पास चार लाख कर्मचारी कार्यरत हैं, तो इतनी बड़ी गलती कैसे हो सकती है? ये कोई तकनीकी चूक नहीं, बल्कि लापरवाही और साजिश का नतीजा है।
उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कई चुनाव आयोग देखे गए हैं, लेकिन मौजूदा आयोग की स्थिति बेहद चिंताजनक है और यह लोकतंत्र की पारदर्शिता को आघात पहुँचा रही है।
मुश्ताक आलम ने अंत में कहा कि समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी है और वह इन मुद्दों को लगातार उठाते रहेंगे ताकि लोकतंत्र में सबकी बराबर की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।