कोलकाता, 18 जुलाई:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया पश्चिम बंगाल दौरे में 6 प्रमुख महापुरुषों के नाम लेकर राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अप्रत्यक्ष रूप से बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, ईश्वर चंद्र विद्यासागर और बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का उल्लेख करते हुए बंगाल के गौरवशाली अतीत को याद किया।
पीएम मोदी ने कहा कि यह धरती केवल क्रांति की नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक चेतना की भी केंद्र रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि बंगाल को उसकी विरासत और विचारधारा से जोड़े रखने की जरूरत है, न कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए उसे विभाजित करने की।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन महापुरुषों का नाम लेकर पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को यह संदेश दिया कि बंगाल की असली पहचान क्या है, और TMC द्वारा कथित ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ से वह कितनी दूर जा चुकी है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में आगामी पंचायत और लोकसभा चुनावों की सरगर्मियां तेज हो रही हैं। बीजेपी बंगाल में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है और यह दौरा उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
बंगाल के महापुरुषों की विरासत की बात करके भाजपा ने ममता सरकार पर वैचारिक चुनौती पेश की है।