रिपोर्टर: मोहम्मद मुजाहिद
टेढ़ागाछ (किशनगंज)। टेढ़ागाछ प्रखंड के किसान इन दिनों भीषण संकट से जूझ रहे हैं। एक ओर प्राकृतिक आपदा की मार, दूसरी ओर सरकारी उपेक्षा ने किसानों की कमर तोड़ दी है। समय पर बारिश नहीं होने और सिंचाई की कोई व्यवस्था न होने से धान की फसल सूखने की कगार पर पहुंच गई है।
किसानों ने पहले मक्का की अच्छी पैदावार के लिए बैंक से कर्ज लेकर खेती की थी, लेकिन अब धान की खेती संकट में है। कई किसानों ने बताया कि रोपाई के बाद उन्हें बच्चों की शादी-ब्याह जैसे बड़े खर्च उठाने हैं, लेकिन खेतों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे वे बेहद चिंतित हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि सिंचाई को लेकर न तो सरकार और न ही संबंधित विभाग कोई ठोस कदम उठा रहे हैं। इस कारण किसानों की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ रही है।
एक ओर जहां देश को कृषि प्रधान कहा जाता है, वहीं अन्नदाता खुद पानी के लिए तरस रहा है। किसानों की उम्मीदें अब केवल बारिश और सरकार की ओर टिकी हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि सिंचाई व्यवस्था को अविलंब सुधार कर किसानों को राहत दी जाए, ताकि उनकी फसल और भविष्य दोनों बच सके।